बारिश की ठहरी हुई बूंदों से हम एक पल में कितने एहसास , यादें , सपने और उम्मीदें जोड़ लेते हैँ . यादों की एक लम्बी फिल्म हमारी आँखों के सामने चलने लगती है . हर एक लम्हा जो बारिश से जुड़ा हो , और हर एक लम्स ( स्पर्श ) याद आता है . बारिश की बूंदों की आवाज् , टीन की छत पर ,बारिश की बूंदों का शोर , और रूह तक खुद को भीगोने का मन .
कल खूब बरसात हुई .
बालकनी में फूलों पर ठहरी यह बूंदे मन का एक कोना जो काफी दिनों से सूखे होठों की तरह मरू हो चला था उसे भीगो गयीं , और एक उम्मीद की किरण जगा गयीं .
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