मॉर्निंग नोट्स

आज सुबह

मॉर्निंग नोट्स

३०/०७/२०२२

एक लम्बे रसे के बाद सुबह का तापमान ठंडा हुआ है २७ डिग्री से कम है। बहुत हल्की बूंदा बांदी हो रही है। बिलकुल वैसे जैसे खेतों में हाथ से यूरिया छिड़कता है कोई , या छोटे बच्चे रेत ऊपर उछालते हैं , और वह धीरे से लौट आती है , कण कण करके। पहाड़ी में खासकर कांगड़ी बोली में ऐसी बारिश को किणियाँ कहते हैं ऐसी बारिश में जब आप भीगते हैं तो तब पता चलता है जब आपके बालों पर थोड़ी देर के बाद गीला महसूस होता है। आप भीगते भी हैं , और भीगते भी नहीं। मुझे ऐसी सुबहें बहुत अच्छी लगती हैं ,इनकी अलग तासीर होती है। और अगर आप ऐसी सुबह किसी अपने के साथ हैं तो सुबह और भी खूबसूरत लगती है , हाँ अगर खुद के साथ भी हैं तो भी अच्छी लगती है। ऐसे में अगर आप चाय पीयेंगे तो आपको चाय के ऊपर भाप उठती दिखाई देगी।

बरसातों में अगर आप सुबह जल्दी उठ गए हैं और नदी के आसपास हैं तो बहुत रूमानी मिस्ट , नदी के ऊपर से गुजर कर जाती है , हवा चले तो आपकी त्वचा को छू कर गुजर जायगी।

बहुत सारे अनुभव आपको अपने पास वैसे ही रखने चाहिए जैसे अम्मा अपनी ओढ़नी के कोने में कुछ रूपये या संतरियाँ गाँठ बाँध कर रखती थी , ताकि आड़े वक्त काम आ सके।

इस पोस्ट के साथ , यह तस्वीर जंगल में सूर्योदय की है। रेशमी सुनहरी किरणें।

आप अपना दिन अच्छे से बिताएं। शनिवार है , थोड़ा ध्यान करें और व्रज आसान में थोड़ी देर बैठें , अच्छा लगेगा

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rameshpathania

I write in Hindi ,poetry,short stories ,opinion on environment and development.Translator IIMC Delhi &HPU SHIMLA .Follow ,support .