रविवार की सुबह , शांत सी

आज सुबह

मॉर्निंग नोट्स

२८/०८/२०२२

रविवार की सुबह , शांत सी , क्योंकि आज लोग देरी से जागते हैं , रविवार की सुबह ऐसी ही होती है। इसलिए रविवार का एक ख़ास महत्व रहता है। हम अपनी आधी जिंदगी तो शायद छुट्टियों या रविवार की उम्मीद में गुजार देते हैं की कब आएगा। जिन्दगी का एक बड़ा हिस्सा सो कर और बाकी काम काज और जीवन की दूसरी मुश्किलों से जूझते हुए। जीवन में तीन तरह के लोग अक्सर आप को देखने को मिलते हैं , जिनके पास बहुत पैसा है , जिनके पास जीवन यापन के लिए पैसा है और जिनके पास पैसा है ही नहीं। बस तीनों में एक समानता है , कोई इंसान सोने के बिस्कुट डॉलर या रूपये में लपेट कर खा रहा है , और कभी कभी डायमंड चबा रहा है पॉपकॉर्न की तरह। या पानी की जगह चांदी के गिलास में , पिघला हुआ चांदी पी रहा है। लेकिन यहीं सृजनकर्ता ने , हम सब को एक सा बना दिया , की बालक अन्न से ही पेट भरेगा सोने चांदी से नहीं। चाहे आप कोई भी हों।

इस विषय पर मैं अक्सर बात करता हूँ , की आप अपने पैर हमेशा जमीन पर रखें , गिरेंगे तो संभल जायेंगे , चाहे आप कोई भी हों

रविवार का दिन अच्छे से बिताएं अपनों का ख़याल रखें।

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rameshpathania

I write in Hindi ,poetry,short stories ,opinion on environment and development.Translator IIMC Delhi &HPU SHIMLA .Follow ,support .